इस मौके पर उन्होंने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, टोंक को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि शिविर में विभागीय सर्कुलर के अनुसार तत्परता से कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि "बेहतर उपज और लागत में कटौती का रास्ता, अच्छी गुणवत्ता के इनपुट और आधुनिक तकनीकों से ही होकर गुजरता है।"
श्री विशाल ने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे कृषकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान करें और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करें। साथ ही, शिविर में मिले सुझावों और नवाचारों को संकलित कर आगे की कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। किसानों को भरोसा दिलाया गया कि विभाग उनकी समस्याओं के समाधान हेतु हर संभव प्रयास करेगा।
इसके बाद सचिव ने केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर का निरीक्षण किया और संस्थान में चल रही गतिविधियों का जायज़ा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को संस्थान में और सुधार लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
"शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री राजन विशाल ने टोंक में कृषि संकल्प अभियान शिविर का किया निरीक्षण" | Photo Source : DIPR
श्री राजन विशाल ने SIAM टोंक और कृषि विभाग के विभिन्न कार्यालयों का भी दौरा किया। SIAM के ऑडिटोरियम का निरीक्षण करते हुए उन्होंने सभी सीटों पर स्पीकर लगाए जाने, परिसर में CCTV कैमरे चालू रखने, स्वच्छता सुनिश्चित करने, तथा नवनिर्मित ऑडिटोरियम में अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने के आदेश दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस ऑडिटोरियम को निजी संस्थाओं के लिए भी खोला जाए ताकि राजस्व की प्राप्ति हो सके।
उन्होंने परिसर में बने एक्वेरियम का भी निरीक्षण किया और खाली पड़ी जगह को सजाने-संवारने के निर्देश दिए।
इस दौरान सचिव के साथ कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। शासन सचिव की यह यात्रा जिले में कृषि सुधार और किसानों की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।