विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने अपने उद्बोधन में बताया कि आधुनिक लेखांकन में क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर जैसे टैली, क्विक बुक्स, जीरो और जोहो बुक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने लेखांकन को तेज और सटीक बनाया है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने 'सरस प्लेटफॉर्म' का जिक्र किया, जिसके जरिए बैंक स्टेटमेंट को सीधे सॉफ्टवेयर में जोड़ा जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज लेखांकन के छात्रों को टेक्नोलॉजी-आधारित कौशल सीखना जरूरी है। प्रो. भाणावत ने बताया कि अकाउंटेंट अब सिर्फ बहीखाता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे डेटा एनालिटिक्स में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। NEP 2020 के तहत उन्होंने कहा कि डिग्री के साथ 3-4 स्किल-बेस्ड कोर्स करना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में 650 से अधिक कंपनियां जोहो बुक्स का उपयोग कर रही हैं, जो कौशल-आधारित शिक्षा के महत्व को दर्शाता है।
ICA Edu Skills, उदयपुर की सेंटर डायरेक्टर मधु औदिच्य ने कहा कि आज 80 प्रतिशत संगठन टैली का उपयोग करते हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर जोहो बुक्स तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह सॉफ्टवेयर 150 से अधिक देशों में इस्तेमाल हो रहा है और इसके 100 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। उदयपुर में भी 100 से अधिक प्रोफेशनल्स इस प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि ICA देश का पहला संस्थान है, जो जोहो बुक्स का सर्टिफिकेशन प्रदान करता है। इस सॉफ्टवेयर की खासियत है कि यह कम समय में ज्यादा काम करने में सक्षम है और ग्लोबल कनेक्टिविटी के कारण छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की दक्षता प्रदान करता है।
कार्यशाला की संयोजक और M.Voc. कोर्स समन्वयक डॉ. आशा शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में 67 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें M.Voc., B.Voc., M.Com. के छात्र, शोधार्थी और विश्वविद्यालय व अन्य महाविद्यालयों के सहायक आचार्य शामिल हैं। कार्यशाला की मुख्य वक्ता गुंजन औदिच्य (एकेडमिक इंचार्ज) हैं।
सह अधिष्ठाता डॉ. शिल्पा वार्डिया ने कहा कि आज केवल किताबी ज्ञान काफी नहीं है। छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ कमाई पर भी ध्यान देना चाहिए। स्किल-बेस्ड कोर्स करने से छात्र पढ़ाई के दौरान ही रोजगार और आय के अवसर प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वे भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर तैयार होंगे।
कार्यशाला के समापन पर डॉ. आशा शर्मा ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सहायक आचार्य डॉ. शिल्पा लोढ़ा, डॉ. पारुल दशोरा, डॉ. पुष्पराज मीणा, डॉ. रेनू शर्मा, डॉ. विनोद मीणा, अतिथि शिक्षक, प्रतिभागी, छात्र और शोधार्थी मौजूद रहे।