अभियान के तहत मानसरोवर बांध पर विधिवत जल पूजन कर कलश यात्रा निकाली गई। इस मौके पर अलवर जिला प्रभारी सचिव एवं नगरीय विकास व आवासन विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया ने आमजन को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई और पौधारोपण कर हरियाली बढ़ाने का संदेश दिया।
कई विभागों की सहभागिता, जन-जन तक पहुंचेगा संदेश
जिला स्तरीय कार्यक्रम में बोलते हुए श्री गालरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस अभियान में 20 से अधिक विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। इसका उद्देश्य है जल स्रोतों का संरक्षण, पर्यावरण की सुरक्षा और हरियाली को बढ़ावा देना। उन्होंने बताया कि इस वर्ष ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान के अंतर्गत 10 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने आमजन से अपील की कि सभी वर्गों और आयु के लोग इस अभियान से जुड़ें ताकि जल स्रोतों और पौधों की निरंतर देखभाल सुनिश्चित हो सके।
साइकिल रैली और नेचर वॉक से मिला हरित संदेश
अभियान के शुभारंभ पर आयोजित 'रन फॉर एनवायरमेंट साइकिल रैली' को जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने शहीद स्मारक, कंपनी बाग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली शहर के प्रमुख स्थानों से होती हुई नगर वन पहुंची। इसके बाद नेचर वॉक कार्यक्रम के तहत पौधों की प्रजातियों और उनके महत्व की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में लगभग 1100 पौधों का रोपण कर हरित क्रांति का संकल्प लिया गया।
मानसरोवर बांध पर जल पूजन और कलश यात्रा का आयोजन
इसके पश्चात मानसरोवर बांध पर जल पूजन किया गया। प्रभारी सचिव वैभव गालरिया, जिला कलक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला और पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना ने भगवान देवनारायण मंदिर में पूजा अर्चना कर अभियान की सफलता, अच्छी बारिश और प्रदेश की समृद्धि की कामना की। अतिथियों ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए जनता से इसे एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।
घीरोड़ा गांव की नर्सरी बनी उदाहरण
राजगढ़ पंचायत समिति के घीरोड़ा गांव में मनरेगा योजना के तहत तैयार की गई नर्सरी का अवलोकन भी किया गया। इस नर्सरी में करीब 30 हजार पौधे तैयार किए गए हैं। प्रभारी सचिव ने इस मॉडल को जिले भर में अपनाने की बात कही। विशेष रूप से औषधीय पौधों के लिए बनाई गई नर्सरी की सराहना करते हुए उन्होंने पौधों के पास उनके विवरण अंकित करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने नर्सरी के पास गोशाला संचालन की अनुमति मांगी, जिस पर जिला कलक्टर को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए गए।