घटना बोकारो के चास इलाके की है, जहां CBI की टीम ग्रामीण बैंक के रिकवरी एजेंट धनराज चौधरी को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ने पहुंची थी। चौधरी पर आरोप था कि उसने एक व्यक्ति से रिश्वत मांगी थी। CBI ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड़ा और उसे हिरासत में लेकर ले जाने की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान आसपास के लोगों को लगा कि कुछ लोग चौधरी का अपहरण करने आए हैं। भीड़ ने CBI टीम को घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी।
CBI के निरीक्षक और प्रभारी अधिकारी अनिल कच्छप ने बताया, “हम आरोपी को गिरफ्तार कर ले जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने गलतफहमी में हमारे साथ दुर्व्यवहार किया। इस घटना में हमारे तीन अधिकारियों को मामूली चोटें आई हैं।” उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जिसकी पहचान हमलावर के रूप में हुई है।
बोकारो के पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश ने कहा, “CBI की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। हमले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” पुलिस ने बताया कि यह घटना शाम करीब 5 बजे की है और स्थिति अब नियंत्रण में है। घायल अधिकारियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें CBI टीम की पहचान नहीं थी, क्योंकि अधिकारी सादे कपड़ों में थे और उनकी गाड़ियों पर कोई सरकारी चिह्न नहीं था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हमें लगा कि कोई अपहरण कर रहा है, इसलिए लोग बचाने के लिए आगे आए। अगर हमें पता होता कि यह CBI है, तो ऐसा नहीं होता।” वहीं, कुछ लोगों ने इसे प्रशासन और जांच एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी का नतीजा बताया।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना की खूब चर्चा हुई। कई यूजर्स ने इसे कानून-व्यवस्था की नाकामी करार दिया, तो कुछ ने CBI की कार्यशैली पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “CBI को अपनी पहचान स्पष्ट करनी चाहिए थी, ताकि ऐसी गलतफहमी न हो।” इस बीच, बीजेपी ने इस घटना को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा, “यह राज्य में अराजकता का सबूत है। जांच एजेंसियों पर हमला सरकार की नाकामी दिखाता है।”
CBI सूत्रों के मुताबिक, धनराज चौधरी को कोर्ट में पेश किया गया है और उसकी हिरासत की मांग की गई है। यह मामला ग्रामीण बैंक में रिश्वतखोरी से जुड़ा है, जिसकी जांच पिछले कुछ महीनों से चल रही थी। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना उनकी जांच को प्रभावित नहीं करेगी और वे अपना काम पूरी मजबूती से जारी रखेंगे।
यह पहली बार नहीं है जब CBI की टीम को इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई राज्यों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके बाद जांच एजेंसियों की सुरक्षा और पहचान को लेकर सवाल उठते रहे हैं। बोकारो पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे कानून को अपने हाथ में न लें और संदिग्ध गतिविधि दिखने पर पुलिस को सूचित करें।