इस अवसर पर मंत्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के सक्षम नेतृत्व में प्रदेश सरकार शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालयों के भौतिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बीते दो बजटों में शैक्षणिक भवनों के निर्माण हेतु 625 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कदम राजस्थान को एक आधुनिक और उन्नत शैक्षणिक ढांचे की ओर अग्रसर करेगा।
जल आपूर्ति योजनाओं पर भी दिया जोर
श्री पटेल ने बताया कि डबल इंजन सरकार द्वारा पूरे राज्य में जल संकट से निपटने के लिए कई परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया:
1. पूर्वी राजस्थान के लिए रामजल सेतु लिंक परियोजना
2. शेखावाटी क्षेत्र हेतु यमुना जल समझौता
3. पश्चिमी राजस्थान के लिए जवाई बांध पुनर्भरण योजना और
4. लिफ्ट कैनाल फेज-3
इन योजनाओं के पूर्ण होने पर राज्य में पेयजल, कृषि और उद्योग क्षेत्र की जल जरूरतों की पूर्ति सुचारु रूप से होगी।
'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान से जुड़े NRIs
मंत्री पटेल ने 'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह योजना प्रवासी राजस्थानियों को उनके पैतृक गांवों से जोड़ने का प्रयास है। इसके अंतर्गत जल स्रोतों की परंपरागत संस्कृति को पुनर्जीवित करते हुए 45,000 जल संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें प्रवासियों से तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्राप्त हो रहा है।
किसानों के खाते में पहुंचा आदान-अनुदान
श्री पटेल ने बताया कि खरीफ संवत् 2080 के अंतर्गत लूणी विधानसभा के किसानों को 62.17 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की गई है। उन्होंने कहा कि 6.87 करोड़ रुपये की शेष राशि भी शीघ्र ही जारी की जाएगी।
बाजरे को बताया स्वास्थ्यवर्धक 'श्रीअन्न'
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि बाजरे को 'श्रीअन्न' के रूप में मान्यता देकर इसके उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह न केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि करेगा बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने सभी से अपने आहार में बाजरे को शामिल करने का आह्वान किया।
रोहिल्ला खुर्द में प्रवेश द्वार व जल मंदिर का लोकार्पण
श्री पटेल ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, रोहिल्ला खुर्द में स्वर्गीय पूराराम जी की स्मृति में उनके परिजनों द्वारा निर्मित प्रवेश द्वार और जल मंदिर का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय विकास में भामाशाहों की भूमिका समाज के लिए प्रेरणादायक है।