इस रात्रि चौपाल में कुल 47 शिकायतें सामने आईं, जिनमें विद्युत आपूर्ति, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वामित्व योजना के पट्टे, पेयजल आपूर्ति, स्कूल में स्टाफ की कमी, सड़क मरम्मत, अतिक्रमण, स्वास्थ्य सेवाएं, एवं अन्य कई मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रहीं।
कलक्टर श्री लोकबंधु ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, विद्युत विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, एवं सामाजिक न्याय विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे ग्रामीणों की शिकायतों का त्वरित और प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित करें।
ग्रामीणों की मांगें और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
पेयजल में गंदगी और कम प्रेशर की शिकायत पर कलक्टर ने टेल एंड पर प्रेशर जांच व गुणवत्ता परीक्षण के निर्देश दिए।
उच्च वोल्टेज तारों की झूलती स्थिति और स्थानांतरण की मांग पर बिजली विभाग को आवश्यक कार्यवाही के आदेश दिए गए।
चिकित्सा केंद्र की गंदगी पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सफाई सुनिश्चित करने और चिकित्सक की 24x7 उपस्थिति तय करने के निर्देश दिए गए।
स्कूलों में उर्दू और संस्कृत विषय शुरू करने, पीटीआई की नियुक्ति, और रोडवेज बस सेवा शुरू करने की मांगों पर भी विभागीय अधिकारियों को आवश्यक प्रस्ताव भेजने को कहा गया।
चौपाल में दिखी ‘प्रशासन आपकी बात सुन रहा है’ की भावना
कलक्टर श्री लोकबंधु ने कहा, "प्रशासन जनसेवा के लिए है और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याएं शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं।" उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्राम पंचायतों का नियमित दौरा करें और योजनाओं की जमीनी हकीकत पर निगरानी रखें।
चौपाल में मिली तत्काल राहत – दो सफलता की कहानियाँ
सरदार खान का बंटवारा विवाद – वर्षों से लंबित बंटवारे के विवाद को चौपाल में ही सभी पक्षों की उपस्थिति में हल किया गया। मौके पर ही बंटवारा प्रस्ताव तैयार कर समस्या का समाधान किया गया।
सरिता दूबे की जाति प्रमाण पत्र त्रुटि – लंबे समय से जाति स्पष्ट नहीं होने से परेशान सरिता को कलक्टर ने मौके पर सरपंच से प्रमाण लेकर जाति “दुबे” दर्ज करवाकर राहत प्रदान की।
प्रशासनिक टीम की मौजूदगी
इस चौपाल में प्रशिक्षु IAS नेहा राजपूत, उपखंड अधिकारी श्रीमती पदमा चौधरी, तहसीलदार श्री ओम सिंह, सरपंच श्रीमती गुलजान खानम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा, डॉ. योगेंद्र सिंह चुंडावत, गिरदावर श्री युगल जांगिड़ सहित अनेक विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
निष्कर्ष:
गगवाना में आयोजित रात्रि चौपाल ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब प्रशासन जनता के बीच जाकर संवाद करता है, तो समाधान के रास्ते भी खुलते हैं। कलक्टर लोकबंधु का यह प्रयास ग्रामीण प्रशासन को ज़मीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।