अभियान की राज्य स्तरीय निगरानी हेतु अतिरिक्त निदेशक माइन्स श्री महेश माथुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो फील्ड स्तर पर कार्रवाई और सतत मॉनिटरिंग सुनिश्चित करेंगे।
प्रमुख सचिव रविकान्त ने बताया कि इस अभियान में माइनिंग धारकों, माइनिंग एसोसिएशनों, विभागीय अधिकारियों एवं प्रमुख खनन संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 30,000 से अधिक मेजर और माइनर माइंस हैं, जिनके माध्यम से यह वृक्षारोपण अभियान व्यापक स्तर पर संचालित किया जाएगा।
पौधारोपण के लिए प्राथमिकता उन स्थानों को दी जाएगी जो खनन क्षेत्र, खनिज मार्ग और आस-पास के इलाके हैं। वृक्षारोपण में नीम, पीपल, बड़, आम, शहतूत, शीशम, गुलमोहर, अशोक, जामुन जैसे जल्द बढ़ने वाले और कम पानी में पनपने वाले छायादार-फलदार वृक्षों को शामिल किया जाएगा।
निदेशक माइन्स श्री दीपक तंवर ने कहा कि खनन गतिविधियों से जुड़े विभाग पर पर्यावरणीय संरक्षण की विशेष जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि हर जिले के उन खनन पट्टा क्षेत्रों में जहां कार्य पूर्ण हो चुका है, वहाँ पहले भूमि पुनर्भरण और फिर वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विभागीय कार्यालय परिसरों और माइनिंग लीज क्षेत्रों में भी पौधारोपण किया जाएगा।
अतिरिक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी श्री महेश माथुर ने बताया कि फील्ड स्तर पर माइनिंग इंजीनियर और सहायक माइनिंग इंजीनियर कार्यालयों को लक्ष्य आवंटित कर दिए गए हैं। उदयपुर, राजसमंद (प्रथम व द्वितीय), आमेट, भीलवाड़ा, बिजौलिया और जयपुर ME/AME कार्यालयों को 1.5 लाख पौधों का लक्ष्य मिला है, जबकि अलवर, झुंझुनू, सीकर, जोधपुर और बाड़मेर ME/AME कार्यालयों को 1 लाख पौधों का लक्ष्य सौंपा गया है। अन्य कार्यालयों को भी लक्ष्य के अनुसार दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।