अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल पहाड़िया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 638 आदिवासी बहुल ग्रामों में केंद्रित कार्रवाई की जा रही है। इन गाँवों में "आदि सेवा केन्द्र" स्थापित किए जाएंगे, जो स्थानीय स्तर पर सरकारी सेवाओं और योजनाओं के लाभार्थियों से जुड़ाव का सशक्त माध्यम बनेंगे।
उन्होंने बताया कि 30 सितंबर तक सभी 638 गांवों के लिए एक विस्तृत विलेज प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसे 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में प्रस्तुत कर अनुमोदन दिलवाया जाएगा।
प्रत्येक आदि सेवा केन्द्र के संचालन हेतु एक नोडल प्रभारी नियुक्त किया गया है, जो सप्ताह में कम से कम दो घंटे सामुदायिक सेवा और समस्याओं के समाधान के लिए समर्पित करेंगे।
जिले के कई चयनित गांवों में आदि सेवा केन्द्रों का शुभारंभ कर दिया गया है। साथ ही, कल से विलेज प्लान निर्माण हेतु आदि सहयोगियों और साथियों के लिए ग्राम स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान आधार, आयुष्मान भारत, पीएम किसान, पीएम आवास योजना, पेंशन, पीएफएम-जन्मधन योजना जैसी केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर इन योजनाओं का लाभ मिल सके।