प्रशिक्षण शिविरों में किसानों को मिली वैज्ञानिक खेती की सीख
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार श्री सत्यनारायण गढ़वाल तथा कृषि विज्ञान केंद्र, जोधपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भगवत सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि अभियान के दूसरे दिन बावरली, बेलवा खटरियान, कापरड़ा, भावी, बाला, खेड़ी सालवा, देवत्रा व भोपालगढ़ सहित 8 ग्राम पंचायतों में सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
बावरली में पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी, ‘लैब टू लैंड’ की दी प्रेरणा
अभियान के अंतर्गत अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार डॉ. जी. आर. मतोरिया ने बालेसर ब्लॉक के बावरली गांव में पहुंचकर किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई "लैब टू लैंड" पहल की सराहना करते हुए किसानों को विज्ञान आधारित खेती अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि "वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित खेती ही भविष्य में किसानों की आर्थिक प्रगति की कुंजी होगी।"
विशेषज्ञों की टीमों ने दी तकनीकी जानकारी
अभियान में तीन तकनीकी दलों ने भाग लिया, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के श्री आर. आर. मेघवाल, श्रीमती ए. मोनिका, सुश्री चंदना एम. आर., काजरी के डॉ. कुलदीप जादौन, श्रीमती कीर्ति रानी, उद्यानिकी विभाग से डॉ. विनोद कुमार वर्मा और अन्य कृषि अधिकारी शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने किसानों को जल संरक्षण, उन्नत बीज चयन, समेकित कृषि प्रणाली और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी दी।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
विभिन्न ग्राम पंचायतों में जनप्रतिनिधियों ने भी शिविरों में भाग लेकर किसानों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें खेती में नवाचार अपनाने हेतु प्रेरित किया।
31 मई को नौ पंचायतों में होंगे अगली कड़ी के कार्यक्रम
अभियान के अगले चरण में 31 मई को तीन तकनीकी दल निम्न ग्राम पंचायतों में पहुंचेंगे:
दल प्रथम (बालेसर): दुगर, आगोलाई, धांधनिया सांसो
दल द्वितीय (बिलाड़ा): चांदेलाव, ओलवी, सिंदी नगर
दल तृतीय (धवा): भांडू खुर्द, भांडू कलां, फींच
इन शिविरों में किसानों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और योजनाओं से लाभ उठाने के उपायों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।