डीआरआई को गुप्त सूचना मिली थी कि अबू धाबी से जयपुर आने वाली एक फ्लाइट में सोने की तस्करी की जा रही है। इसके आधार पर टीम ने हवाई अड्डे पर सघन जांच शुरू की। संदिग्ध यात्री को हिरासत में लेने के बाद उसका एक्स-रे स्कैन किया गया, जिसमें उसके प्राइवेट पार्ट में छिपाया गया सोने का पेस्ट साफ दिखाई दिया। अधिकारियों ने बताया कि यह सोना लगभग 1.2 किलोग्राम वजन का था, जिसे पेस्ट के रूप में तैयार किया गया था ताकि इसे आसानी से छिपाया जा सके।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस तस्करी का मास्टरमाइंड उसी प्लेन में यात्री के साथ सफर कर रहा था। डीआरआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को हिरासत में ले लिया। मास्टरमाइंड की पहचान एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह से जुड़े शख्स के रूप में हुई है, जो पहले भी ऐसे मामलों में शामिल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सोने को प्राइवेट पार्ट में छिपाने की यह तरकीब तस्करों के बीच आम हो रही है, क्योंकि इसे सामान्य जांच में पकड़ना मुश्किल होता है।
जयपुर कस्टम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह एक सुनियोजित तस्करी थी। हमें सूचना मिली थी कि सोना अबू धाबी से लाया जा रहा है। एक्स-रे स्कैनर ने हमारी शंका को सही साबित किया। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और हम इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।” सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 70 लाख रुपये आंकी गई है।
यह पहली बार नहीं है जब जयपुर एयरपोर्ट पर इस तरह की घटना सामने आई हो। पिछले साल अक्टूबर 2024 में भी एक यात्री के प्राइवेट पार्ट से 90 लाख रुपये का सोना बरामद हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि तस्कर अब पारंपरिक तरीकों से हटकर शरीर के संवेदनशील हिस्सों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बढ़ गई है।
पुलिस और कस्टम विभाग ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस मामले में आगे की जांच से तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है। डीआरआई ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।