इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव श्री महेन्द्र सोनी, निदेशक श्री वासुदेव मालावत, मुख्य अभियंता (भवन) सार्वजनिक निर्माण विभाग, समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े तकनीकी अधिकारी, नंदघर प्रोजेक्ट प्रभारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। राज्य के सभी जिलों के उपनिदेशक वर्चुअल रूप से बैठक से जुड़े।
क्या कहा उप मुख्यमंत्री ने?
दिया कुमारी ने प्रदेशभर में आंगनबाड़ी भवनों की स्थिति की जिलेवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि –
1. राज्य की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को "आदर्श आंगनबाड़ी" के रूप में विकसित किया जाए।
2. फील्ड में जाकर कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें।
3. जिन भवनों की हालत जर्जर और असुरक्षित है, उन्हें तुरंत प्रभाव से दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए।
4. ऐसे भवनों को पूरी तरह से डेमोलिश किया जाए ताकि बच्चों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
लापरवाही पर जताई नाराजगी
उप मुख्यमंत्री ने उन जिला उपनिदेशकों पर नाराजगी जताई, जिन्होंने अब तक मरम्मत कार्य की शुरुआत नहीं की है। उन्होंने कहा कि:
“अगले 15 दिनों में जिलों से कार्य प्रगति पर रिपोर्ट ली जाएगी। अगले एक सप्ताह में सिविल कार्यों की प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजी जाए, और आंकड़ों में कोई भिन्नता नहीं होनी चाहिए।”
मुख्य निर्देश और कार्ययोजना
* आंगनबाड़ी भवनों के सर्वेक्षण का कार्य जिला कलेक्टरों के माध्यम से शीघ्र पूरा किया जाए।
* निर्धारित कार्यों की टेंडर प्रक्रिया तुरंत पूरी कर, काम शुरू करवाया जाए।
* विकास कार्यों के लिए राज्य बजट के अलावा CSR, आपदा राहत निधि, जिला खनिज निधि, व अंतरराष्ट्रीय विधायक निधि के माध्यम से भी संसाधनों का उपयोग किया जाए।
भविष्य की रणनीति
दिया कुमारी ने कहा कि फील्ड स्तर पर मौजूद उपनिदेशक कार्यों की सीधी निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि आंगनबाड़ी भवनों में आवश्यक आधारभूत सुविधाएं मौजूद हों। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अभियान में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।