ममता बनर्जी अपने लंदन दौरे के दौरान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करने पहुंची थीं। अपने भाषण में उन्होंने पश्चिम बंगाल में औद्योगिक प्रगति, सामाजिक कल्याण योजनाओं और एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "मैं मरने से पहले देश को एकजुट देखना चाहती हूं। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि एकता में शक्ति है।" लेकिन उनके भाषण के दौरान ही कुछ छात्रों ने बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार-हत्या कांड और संदेशखाली मामले को लेकर सवाल उठाए।
प्रदर्शन का नेतृत्व वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई-यूके) ने किया। संगठन ने ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर भ्रष्टाचार, लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने और अलोकतांत्रिक शासन चलाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर बंगाल में कथित अत्याचारों और घोटालों के खिलाफ नारे लिखे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने टाटा के नैनो प्रोजेक्ट के बंगाल से बाहर जाने पर भी सवाल दागे, जिसका जवाब देते हुए ममता ने कहा, "टाटा और कॉग्निजेंट अभी भी बंगाल में काम कर रहे हैं।"
हंगामे के बीच ममता बनर्जी ने संयम बनाए रखा और प्रदर्शनकारियों को जवाब दिया। उन्होंने कहा, "यहां राजनीति मत करो। यह शिक्षा का मंच है, राजनीति का नहीं। अगर राजनीति करनी है तो मेरे राज्य में आकर करो।" उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बोलने का मौका देने की अपील की और कहा, "आप मेरा नहीं, अपने संस्थान का अपमान कर रहे हैं।" एक मौके पर ममता ने 1990 के दशक की अपनी एक तस्वीर भी दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी थी, और दावा किया कि विपक्ष में रहते हुए उनकी हत्या की कोशिश की गई थी।
इस घटना के दौरान दर्शकों में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की। हंगामा बढ़ने पर प्रदर्शनकारियों को हॉल से बाहर निकाला गया, जिसके बाद ममता ने अपना भाषण पूरा किया। केलॉग कॉलेज प्रशासन ने इस घटना के लिए ममता बनर्जी से माफी मांगी।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस घटना पर ममता बनर्जी को निशाने पर लिया। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, "ममता बनर्जी विदेशी धरती पर बेनकाब हो गईं। बंगाली हिंदुओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें आरजी कर, संदेशखाली और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया।" वहीं, जदयू नेता नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा, "ममता को वामपंथ के भूत का सामना करना पड़ा।"
ममता बनर्जी ने अपने भाषण में सभी धर्मों के प्रति सम्मान जताते हुए कहा, "मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के लिए हूं।" उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि अगर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी बंगाल में कॉलेज खोलना चाहे, तो उनकी सरकार 24 घंटे में जमीन उपलब्ध कराएगी।
यह घटना पश्चिम बंगाल की राजनीति को एक बार फिर सुर्खियों में ले आई है। ममता बनर्जी के विदेश दौरों के दौरान इस तरह के विरोध ने नई बहस छेड़ दी है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह उनके खिलाफ साजिश है, जबकि विपक्ष इसे जनता के गुस्से का प्रतीक बता रहा है।