श्री रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जल और पर्यावरण सरंक्षण के लिए सरकार की ओर से नीतिगत निर्णय लेकर कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसी के अंतर्गत ‘वंदे गंगा’ अभियान की नींव रखी गई है, जिसका उद्देश्य हर गांव, हर नागरिक को इस मुहिम से जोड़ना और इसे जन आंदोलन का रूप देना है।
क्या होंगे प्रमुख कार्यक्रम?
अभियान के दौरान राज्य भर में अनेक जन सहभागिता वाले कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें प्रमुख रूप से—
जल स्रोतों, नदियों और तालाबों की पूजा
कलश यात्राएं
जागरूकता रैलियां
स्वच्छता अभियान
जल संग्रहण संरचनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
इन कार्यक्रमों के जरिए जल की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।
विभागों को दिए सख्त निर्देश
मंत्री श्री रावत ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तैयारियां समयबद्ध और समन्वित तरीके से पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान’, ‘जल शक्ति अभियान’, ‘हरियालो राजस्थान’ और ‘कर्म भूमि से मातृ भूमि’ जैसे पूर्ववर्ती अभियानों से जोड़ा जाएगा, जिससे इसका प्रभाव और अधिक व्यापक हो सके।
सभी वर्गों से भागीदारी की अपील
श्री रावत ने भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, विभागीय कार्मिकों और आम नागरिकों से इस अभियान को व्यापक जन आंदोलन बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण कोई एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि यह सतत प्रयासों से ही संभव है।
प्रशासनिक तैयारियां भी हुईं समीक्षा के घेरे में
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अभय कुमार ने अभियंताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, जबकि मुख्य अभियंता श्री भुवन भास्कर ने अभियान की विस्तृत कार्य योजना और बाढ़ नियंत्रण संबंधी उपायों की जानकारी दी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी वरिष्ठ अभियंताओं की भागीदारी रही।