बाढ़ के हालात का जायज़ा लेने के लिए मंत्री सबसे पहले अमृतसर पहुंचे, जहाँ राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने एयरपोर्ट पर मुलाकात कर उन्हें बाढ़ की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद श्री चौहान कपूरथला और गुरदासपुर जिलों के ग्रामीण इलाकों में पहुंचे और बाढ़ प्रभावित खेतों में उतरकर स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।
"स्थिति भयावह, लेकिन किसान चिंता न करें"
क्षेत्रीय दौरे के दौरान श्री शिवराज सिंह ने कहा, "यह जलप्रलय जैसी स्थिति है। खेतों में 26 अगस्त से पानी भरा है, रावी का पानी बह रहा है। मिट्टी के नीचे सिल्ट की मोटी परत जम चुकी है। न केवल मौजूदा फसल बर्बाद हो गई है, बल्कि अगली फसल पर भी संकट गहराया हुआ है। लेकिन मैं अपने किसान भाई-बहनों को भरोसा दिलाता हूं कि केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है।"
मंत्री ने बताया कि लगभग 1,400 गाँव इस बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। फसलों की तबाही का दर्द बयान करना मुश्किल है, लेकिन सरकार इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री के निर्देश पर भेजी गई दो उच्चस्तरीय टीमें
श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने दो उच्चस्तरीय टीमें पंजाब भेजी हैं। इन टीमों में कृषि, ग्रामीण विकास, जल शक्ति, ऊर्जा, सड़क परिवहन और वित्त मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हैं। ये टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का गहन अध्ययन करेंगी और केंद्र को रिपोर्ट सौंपेंगी, जिससे राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके।
"पंजाब देश की ढाल रहा है, हम पंजाब के साथ खड़े हैं"
केंद्रीय मंत्री ने पंजाब की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, "पंजाब संकट की हर घड़ी में देश की ढाल बनकर खड़ा रहा है। आज जब पंजाब खुद संकट में है, तो पूरा देश उसके साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री जी के निर्देश पर मैं यहाँ आया हूँ और सरकार किसानों को इस आपदा से निकालने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।"
श्री चौहान ने पंजाब की जनता, विशेषकर युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों की तत्परता की सराहना की और कहा कि स्थानीय लोग जिस तरह सेवा कार्यों में जुटे हैं, वह अनुकरणीय है।