मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की हजारों साइट्स पर अब बीएसएनएल की स्वदेशी 4जी सेवा सक्रिय हो चुकी है, जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के नागरिक शिक्षा, चिकित्सा, व्यापार सहित अन्य जरूरी सेवाओं से अब सीधे जुड़ पा रहे हैं।
लाभार्थियों ने साझा किए अनुभव
कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े लाभार्थियों ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए इस सेवा को 'जीवन में बदलाव लाने वाली' बताया।
_अलवर जिले के हरिपुरा गांव के श्री तुलसीदास ने कहा कि उनके गांव में पहली बार स्थाई संचार सेवा उपलब्ध हुई है, जिससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई अब सहज हो सकेगी।
_ब्यावर के नाईकलां गांव से श्री सोहनसिंह ने बताया, “पहले मोबाइल सिग्नल के लिए पहाड़ियों पर चढ़ना पड़ता था, अब घर बैठे बात हो जाती है। हमारी पंचायत को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिलने लगा है।”
_जैसलमेर स्थित अभयवाला चौकी से बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि भारत-पाक सीमा से मात्र 200 मीटर दूर तक 4जी नेटवर्क पहुंच चुका है, जिससे सीमा की सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ हो गई है।
_जयपुर जिले के रामेश्वर लाल गुर्जर ने बताया कि पहले घर की छत पर जाकर नेटवर्क पकड़ना पड़ता था, लेकिन अब घर के अंदर ही हाई-स्पीड इंटरनेट और कॉलिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने इन अनुभवों को सुनकर प्रसन्नता जताई और कहा कि “यह सिर्फ तकनीकी सेवा नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़ने की एक बड़ी पहल है।” उन्होंने बीएसएनएल के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आने वाले समय में राजस्थान का हर गांव-ढाणी डिजिटल क्रांति का भागीदार बनेगा।