शिक्षा में नैतिकता और संस्कृति पर बल
राज्यपाल ने शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान जिले के विद्यालयों की संख्या, नामांकन की स्थिति, शिक्षकों के रिक्त पदों और बोर्ड परिणामों की जानकारी ली। उन्होंने बालकों के सर्वांगीण विकास और प्राथमिक स्तर से ही नैतिक मूल्यों को आत्मसात कराने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, “हमारे देश की संस्कृति, बौद्धिक क्षमताएं और पुरातन शिक्षा परंपराएं विश्व में अद्वितीय हैं। शिक्षकों की जिम्मेदारी सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि भविष्य की बौद्धिक रूप से सक्षम पीढ़ी का निर्माण करना है।” उन्होंने प्रेरक शब्दों में कहा, “जब जीरो दिया मेरे भारत ने, तब दुनिया को गिनती आई।”
विभागीय नवाचारों की सराहना
बैठक में डूंगरपुर के जिला कलक्टर श्री अंकित कुमार सिंह ने जिले में चल रहे विभिन्न नवाचारों की प्रस्तुति दी। दिव्यांगों के लिए ‘नो वन लेफ्ट बिहाइंड वन’, महिलाओं के लिए एनीमिया मुक्त अभियान, प्लास्टिक कचरा संग्रहण, तालाब सफाई अभियान और छात्रावासों में चल रहे नवाचारों की जानकारी साझा की गई, जिसे राज्यपाल ने सराहा।
जनजातीय विकास और योजनाओं की समीक्षा
राज्यपाल ने गोविंद गुरु जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना, छात्रावासों की स्थिति, राजीविका योजनाएं, लखपति दीदी, पीएम मंथन योजना, सोलर दीदी प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्य तय समयसीमा में पूरे किए जाएं और कृषि विभाग मृदा परीक्षण के लिए फील्ड में सक्रियता से काम करे।
स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा योजनाएं भी रहीं केंद्र में
स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान की जानकारी ली गई और टीबी मुक्त गांव की दिशा में प्रयास तेज करने के निर्देश दिए गए। रसद विभाग से उचित मूल्य दुकानों की संख्या, खाद्य सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की स्थिति की भी समीक्षा की गई।
हरियाली और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
बैठक से पूर्व राज्यपाल श्री बागड़े ने ‘माँ महिला क्लस्टर फेडरेशन’ द्वारा संचालित एकीकृत कृषि क्लस्टर परियोजना के तहत सब्जी संग्रहण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में अशोक और मौलसिरी के वृक्षारोपण कर ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान का संदेश भी दिया।