कार्यक्रम में परियोजना क्षेत्र से जुड़े करीब 90 किसानों ने हिस्सा लिया और खेती के साथ-साथ वनों के संरक्षण से जुड़ी तकनीकी जानकारी हासिल की।
इस मौके पर जयपुर डिवीजनल मैनेजमेंट यूनिट के डीएफओ केतन कुमार ने कहा,
"आरएफबीडीपी परियोजना का मुख्य उद्देश्य वनों के संरक्षण के साथ-साथ कृषिवानिकी को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को आय के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध हो सकें। इससे जहां एक ओर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने में भी मदद मिलेगी।"
प्रशिक्षण सत्र में इन विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार:
_हेमन्त कुमार दीक्षित, आजीविका विशेषज्ञ (पीएमसी - RFBDP) ने परियोजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे कृषिवानिकी से किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।
_ओम प्रकाश गुप्ता, कृषि अधिकारी ने पौधारोपण की तकनीकों, उनकी देखभाल और वृद्धि से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
_नमो नारायण मीणा, रेंजर (बस्सी रेंज) ने RFBDP की विभिन्न गतिविधियों एवं कृषिवानिकी के महत्व को विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम में एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) की भूमिका पर भी जोर दिया गया।
कमलेश सैनी (सीईओ) और कैलाश चंद शर्मा (अध्यक्ष, एफपीओ) ने किसानों को बताया कि एफपीओ कैसे सामूहिक खेती, विपणन, प्रसंस्करण और जैविक खेती को बढ़ावा देने में सहायक है।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
किसानों को कृषिवानिकी आधारित मॉडल से जोड़ते हुए पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम बढ़ाना।