कार्यक्रम के दौरान शराब और हुक्का परोसे जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे स्थानीय बृजवासियों और साधु-संतों में आक्रोश व्याप्त है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने इस घटना को सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश करार दिया और मांग की कि आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
दिनेश शर्मा ने कहा, "महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक दिव्य और अच्छे संत हैं। कुछ अराजक तत्वों ने महाराज को बदनाम करने और उन्हें फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा है। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।"
यह उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के उद्घाटन से पहले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ब्रज क्षेत्र को मांस और शराब से मुक्त करने के लिए एक बड़ी पदयात्रा निकालने की घोषणा की थी। इसके बावजूद, जिस कार्यक्रम का उन्होंने शुभारंभ किया, उसमें शराब और हुक्का परोसे जाने से विवाद उत्पन्न हुआ है।
विवाद के बीच, कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को इस आयोजन की वास्तविक प्रकृति के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी और उन्हें गुमराह किया गया। वहीं, अन्य लोग इसे सनातन धर्म के विरोधियों द्वारा रचा गया षड्यंत्र मानते हैं।
मथुरा पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या इस आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति ली गई थी और क्या शराब परोसने की अनुमति थी।
यह घटना मथुरा में धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से पहले स्थानीय परंपराओं और धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, खासकर मथुरा जैसे पवित्र स्थल पर।