श्री रविकान्त ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार वैज्ञानिक खनन और सस्टेनेबल माइनिंग को लेकर पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि अन्वेषण से लेकर नीलामी प्रक्रिया तक की नियमित समीक्षा की जा रही है।
राज्य-केंद्र की संस्थाओं के बीच समन्वय पर जोर
बैठक में जीएसआई, एमईसीएल, एएमडी, आरएसएमईटी समेत केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सचिव ने कहा कि इन सभी संस्थाओं को आपसी सहयोग व समन्वय से कार्य करना होगा ताकि अन्वेषण की गति बढ़े और ब्लॉकों की तैयारी मजबूत हो।
उन्होंने बांसवाड़ा, बाड़मेर व सिन्देसरी जैसे क्षेत्रों में अन्वेषण में आ रही स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन, जीएसआई और खनन विभाग को मिलकर काम करने के निर्देश दिए। साथ ही आरएसएमईटी को टाइमलाइन तय कर कार्यों की क्रियान्विति सुनिश्चित करने को कहा गया।
राजस्थान में खनिज संसाधनों की भरमार: जीएसआई
जीएसआई के उपमहानिदेशक श्री अनिंद्यों भट्टाचार्य और निदेशक श्री हरीश मिस्त्री ने जानकारी दी कि राजस्थान में मेजर और माइनर मिनरल्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और एक्सप्लोरेशन के जरिए जीएम और जीआर रिपोर्ट्स सरकार को दी जा रही हैं ताकि ब्लॉक बनाकर नीलामी की जा सके।
केंद्र सरकार ने भी की प्रयासों की सराहना
केंद्रीय खान मंत्रालय के निदेशक तकनीकी श्री योगेन्द्र सिंह भांभू ने राजस्थान में माइनिंग सेक्टर में हो रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यहां तेजी और गुणवत्ता से कार्य हो रहा है, जिसे बनाए रखना जरूरी है।
निदेशक खान श्री दीपक तंवर ने रिपोर्ट्स के आधार पर खनिज संसाधनों के वैज्ञानिक आकलन और अवरोधों को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार करने की बात कही।
आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक जैन ने बताया कि संस्थान के सभी अन्वेषण कार्यों को परिणाम तक पहुंचाने की दिशा में तेज़ी लाई जा रही है।
बैठक में शामिल अधिकारीगण
इस महत्वपूर्ण बैठक में एमईसीएल से श्री आशीष सिंह, एएमडी से श्री राजारमन, जीएसआई, खान विभाग और अन्य संबंधित संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।