अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें। जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम (ग्रेटर और हैरिटेज) को निर्देश दिए गए कि नालों एवं सिवरेज की गुणवत्तापूर्ण सफाई तत्काल पूरी की जाए। इसके साथ ही सड़कों पर जमा कीचड़ व गंदगी हटाने, खुले मेनहोल और चैंबर्स पर ढक्कन लगाने एवं नालों पर फरो कवर लगाने के निर्देश दिए गए।
बाढ़ नियंत्रण संसाधनों की तैयारी का आदेश
डॉ. सोनी ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की जाए और उनमें प्रशिक्षित व जानकारीयुक्त स्टाफ की तैनाती हो। साथ ही मिट्टी के कट्टे, ट्रैक्टर-ट्रॉली, जेसीबी, पोकलेन, मडपंप जैसी आवश्यक सामग्री व मशीनरी पहले से ही उपलब्ध करवा ली जाए।
विद्युत एवं जल आपूर्ति से जुड़े निर्देश
विद्युत विभाग को निर्देश दिए गए कि ढीले तार कसने, झुके पोल सीधा करने, खुले तारों को दुरुस्त करने और लो लाइन ट्रांसफॉर्मर को ऊंचा करने का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पाइप लाइन की लीकेज दुरुस्त करने और आवश्यकता होने पर टैंकरों के जरिए जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश मिले।
सार्वजनिक चेतावनी बोर्ड और बांधों की मरम्मत पर ज़ोर
जल संसाधन विभाग को सभी प्रमुख बांधों पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगाने के आदेश दिए गए, वहीं पंचायती राज विभाग को सभी तालाबों पर चेतावनी चिह्न लगाने के निर्देश प्राप्त हुए। पीडब्ल्यूडी को लो लाइन एरिया की मरम्मत, रैलिंग, जंजीर की व्यवस्था और आवश्यकतानुसार बांधों की मरम्मत के निर्देश दिए गए।
रेस्क्यू तैयारियों की भी समीक्षा
जिला कलक्टर ने विशेष तौर पर ज़ोर दिया कि किसी आपात स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए उपकरण पहले से तैयार रखे जाएं।
विभागीय समन्वय का आह्वान
चिकित्सा, रसद, पुलिस, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, वन, शिक्षा, पशुपालन, जयपुर मेट्रो, गृह सुरक्षा सहित सभी विभागों को मानसून के दौरान पूरी तैयारी के साथ सक्रिय रहने के निर्देश जारी किए गए।
उपस्थित अधिकारी
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (दक्षिण) श्री संतोष कुमार मीणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (पूर्व) श्री गोपाल सिंह शेखावत समेत सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।