पोस्टर में क्या लिखा था?:
पोस्टर में मुस्लिम समुदाय ने अपनी बात को बुलेट पॉइंट्स के जरिए रखा, जिसमें उल्लेख था:
- हिन्दू होली सड़कों पर मनाता है
- शिवरात्रि सड़कों पर मनाता है
- कांवड़िया सड़क पर निकलता है
- रामनवमी यात्रा सड़क पर करता है
- दिवाली पर पटाखे सड़क पर फोड़ता है
- गणेश चतुर्थी सड़कों पर मनाता है
इस पोस्टर के जरिए मुस्लिम समुदाय ने यह संदेश देने की कोशिश की कि सड़कों पर धार्मिक आयोजन सिर्फ उनकी ओर से नहीं, बल्कि सभी समुदायों की ओर से किए जाते हैं। यह प्रदर्शन उस समय हुआ, जब उत्तर प्रदेश प्रशासन ने सड़कों पर नमाज पढ़ने पर सख्त प्रतिबंध लगाया था।
प्रशासन का सख्त रुख:
मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पहले ही साफ कर दिया था कि सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनके पासपोर्ट तक रद्द किए जा सकते हैं। इस आदेश के बाद, ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से ईदगाह और मस्जिदों में संपन्न हुई, लेकिन नमाज के बाद कुछ युवकों ने पोस्टर लहराकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
मेरठ के एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने कहा, "शहर में कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं हुई। पुलिस, प्रशासन और समुदाय के जिम्मेदार लोगों के सहयोग से यह संभव हुआ। पोस्टर लहराने का मामला सामने आया है, जिसकी वीडियो पुलिस ने जुटाई है। आरोपियों की पहचान के लिए टीम लगाई गई है और कार्रवाई की जाएगी।"
घटना का विवरण:
ईद की नमाज के लिए मेरठ की शाही ईदगाह में सुबह से ही भारी भीड़ जमा थी। नमाजियों की संख्या बढ़ने पर कुछ लोग ईदगाह के बाहर सड़क पर नमाज पढ़ने की तैयारी करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद नमाज खत्म होने पर कुछ युवकों ने पोस्टर लहराया और नारेबाजी की। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया। इस दौरान कुछ नमाजियों ने वक्फ संशोधन बिल के विरोध में काली पट्टी भी बांधी थी, जिसे पुलिस ने हटवाया।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जब हिंदू त्योहारों के लिए सड़कें बंद हो सकती हैं, तो नमाज पर रोक क्यों?" वहीं, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "ईद खुशी का दिन है। इसे सियासत से दूर रखना चाहिए। नमाज शांति से अदा हुई और देश में सौहार्द का माहौल बना रहा।"
हिंदू संगठनों ने भी इस पोस्टर का विरोध किया और इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उनका कहना था कि यह पोस्टर धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला है।
IPL 2025 से जुड़ा माहौल:
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब देशभर में IPL 2025 का रोमांच अपने चरम पर है। मेरठ में भी क्रिकेट प्रेमी मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और गुजरात टाइटंस जैसी टीमों के प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, ईद की इस घटना ने स्थानीय स्तर पर खेल के उत्साह को थोड़ा पीछे छोड़ दिया। प्रशंसकों का कहना है कि खेल और सामाजिक मुद्दों को अलग रखकर दोनों का आनंद लिया जाना चाहिए।
आगे क्या?
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और वीडियो फुटेज के आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है। मेरठ प्रशासन ने साफ किया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा। इस बीच, यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं।