निरीक्षण के दौरान सचिव श्री श्रीनिवास के साथ स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के निदेशक श्री जुइकर प्रतीक चंद्रशेखर, नगर निगम जयपुर (हेरिटेज) की आयुक्त डॉ. निधि पटेल, स्वायत्त शासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे।
श्री श्रीनिवास को बताया गया कि यह संयंत्र प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में शहरी स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।
निरीक्षण के दौरान सचिव ने प्लांट प्रमुख से विस्तृत जानकारी ली—जिसमें अपशिष्ट से ऊर्जा निर्माण की प्रक्रिया, प्रयोग में लाई जा रही अत्याधुनिक तकनीक, पर्यावरणीय लाभों और परिचालन व्यवस्था पर चर्चा हुई। इसके बाद उन्होंने संपूर्ण प्लांट का भ्रमण कर वास्तविक प्रक्रिया का अवलोकन भी किया।
श्री श्रीनिवास ने संयंत्र के संचालन में लगे जिंदल समूह, नगर निगम जयपुर और स्वायत्त शासन विभाग के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “यह प्लांट शहरी विकास की दिशा में सार्वजनिक-निजी सहभागिता का एक अनुकरणीय उदाहरण है। यह न केवल ठोस कचरा प्रबंधन में सहायक है, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में भी अहम योगदान दे रहा है।”
वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट की प्रमुख विशेषताएं:
फरवरी 2025 से संचालन में आया यह संयंत्र प्रतिदिन 1000 मीट्रिक टन कचरे का निपटान करता है।
इससे रोजाना लगभग 12 मेगावाट-घंटा बिजली का उत्पादन होता है।
नगर निगम को इस प्लांट से हर महीने औसतन 2.5 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हो रही है।
यह प्लांट लैंडफिल पर दबाव कम कर रहा है, साथ ही परिपत्र अर्थव्यवस्था और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है।