मुख्यमंत्री शर्मा ने महाराजा अजमीढ़ को चंद्रवंशी परंपरा का महान शासक और एक उच्च कोटि का कलाकार बताया। उन्होंने कहा कि महाराजा अजमीढ़ ने आभूषण निर्माण की कला को न केवल एक व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित किया, बल्कि उसे अपनी प्रजा के लिए गौरव का विषय भी बनाया।
जयपुर बना रत्न और आभूषणों का वैश्विक केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्णकार समाज की विशिष्ट कला — सोने को तराशकर उसमें जान फूंकने की क्षमता — विश्व में दुर्लभ है। “भारतीय संस्कृति में आभूषणों का विशेष स्थान है और जयपुर इसके वैश्विक केंद्र के रूप में उभरा है। यहां के कारीगरों की मेहनत से तैयार आभूषणों ने भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में खास पहचान दिलाई है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।
राज्य सरकार निवेश और व्यापार को दे रही बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि “पिछले 22 महीनों में हमने आर्थिक सुधार, प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और उद्योगों के लिए सहायक नीतियों को लागू किया है।” सरकार का उद्देश्य प्रदेश में व्यापार और उद्योग के लिए एक स्थायी, मजबूत आधार बनाना है।
व्यापारियों की सुरक्षा सर्वोपरि: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके समय में राजस्थान अपराध के मामले में शीर्ष पर था। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सख्त कानूनों और तत्पर कार्रवाई के चलते राज्य में अपराध दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि व्यापारियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में है और पुलिस प्रशासन को इस दिशा में और अधिक सशक्त किया गया है।
समारोह में जनप्रतिनिधियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर सांसद श्रीमती मंजू शर्मा, जयपुर हैरिटेज नगर निगम की महापौर श्रीमती कुसुम यादव, सभा के अध्यक्ष श्री विजेंद्र जोड़ा सहित स्वर्णकार समाज के अनेक प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।