पुलिस के अनुसार, एलयूसीसी कंपनी ने लोगों को कम समय में पैसे दोगुना करने का झांसा देकर उनकी जमा पूंजी हड़प ली थी। यह ठगी उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फैली हुई है, जिसमें करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का अनुमान है। पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत अब तक इस मामले में कुल 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच में खुलासा हुआ कि समीर अग्रवाल, जो कंपनी का मुख्य संचालक है, दुबई में छिपा हुआ है। उसने कई राज्यों में अपने एजेंटों के जरिए लोगों को ठगा। ललितपुर में ही पिछले साल अगस्त में 500 करोड़ रुपये की ठगी का खुलासा हुआ था, जिसमें आलोक जैन नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। उसने 18 हजार लोगों से ठगी की थी। इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने फर्जी चिटफंड कंपनी के नेटवर्क का पर्दाफाश किया था।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे एक संगठित गिरोह के तौर पर काम करते थे। वे लोगों को लुभावने ऑफर देकर उनकी जमा पूंजी कंपनी में निवेश करवाते थे और फिर उसे हड़प लेते थे। कंपनी का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में फैला हुआ था। जांच में यह भी सामने आया कि ठगी से जमा किए गए पैसे हवाला के जरिए विदेश भेजे जाते थे।
ललितपुर पुलिस ने इस मामले में पहले भी कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल दिसंबर में 13 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी, और उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, ताकि लोग कंपनी से संबंधित जानकारी साझा कर सकें।
इस मामले ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। कई पीड़ितों ने अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए प्रदर्शन भी किए हैं। रायबरेली में फरवरी 2025 में सैकड़ों निवेशकों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि 20-22 हजार लोगों से 50 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।
पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है और जल्द ही फरार मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच में शामिल हो गया है।