मुख्य सचिव पंत ने निर्देश दिए कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी संचार माध्यम और सायरन प्रणाली को पूरी तरह क्रियाशील और दुरुस्त रखा जाए, ताकि आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी पूर्व की मॉक ड्रिल से प्राप्त अनुभवों का विश्लेषण कर अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक सक्षम बनाएं। पंत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे मॉक ड्रिल के दौरान वास्तविक परिस्थितियों का आभास कराने वाले परिदृश्य तैयार करें, साथ ही ब्लैकआउट के समय और स्थान की गोपनीयता बनाए रखें।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सभी सिविल डिफेंस नियंत्रक अपने-अपने क्षेत्रों में परिस्थितियों के अनुसार मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का समय निर्धारित करें। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य की आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली सशक्त हो और नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन हो।
बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के निदेशक श्री जगजीत सिंह मोंगा ने मॉक ड्रिल के दौरान एयरफोर्स, चिकित्सा सेवाओं, नगर निकाय, पुलिस, गृह रक्षा, ऊर्जा विभाग तथा जिला प्रशासन की भूमिका की विस्तृत जानकारी दी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री यू.आर. साहू, इंटेलिजेंस महानिदेशक श्री संजय अग्रवाल, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर श्री विशाल बंसल, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के एमडी श्री नथमल डिडेल, सेना, वायुसेना एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
वहीं, संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलेक्टर और एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े।