शिक्षा पर विशेष जोर
राज्यपाल श्री बागडे ने शिक्षा व्यवस्था को किसी भी राष्ट्र की प्रगति का मूल आधार बताया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शिक्षा विभाग का उद्देश्य बच्चों की बौद्धिक क्षमता का विकास होना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा जताई कि वे केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहें, बल्कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और तार्किक सोच सिखाएं।
उन्होंने प्राथमिक स्तर पर बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए शैक्षिक गतिविधियों को रोचक बनाने पर बल दिया। साथ ही, स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देकर बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करने की बात कही।
बालिकाओं की शिक्षा, भिक्षावृत्ति से बच्चों को मुक्ति
राज्यपाल ने महिला अधिकारिता और शिक्षा विभाग के समन्वय से बालिकाओं को स्कूलों से जोड़ने के विशेष प्रयासों की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्ची शिक्षा से वंचित न रहे। साथ ही, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया।
पर्यावरण संरक्षण और हरियालो राजस्थान अभियान
‘हरियालो राजस्थान’ की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सिर्फ पौधारोपण ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल भी सुनिश्चित हो। उन्होंने बढ़ती गर्मी और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की।
महिलाओं के स्वावलंबन के लिए राजीविका समूहों को बढ़ावा
राज्यपाल ने राजीविका समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग बढ़ाई जाए और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने समूहों की आय-व्यय, लाभ-हानि की जानकारी एकत्र कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए।
स्वच्छता, शौचालय और कचरा प्रबंधन पर चर्चा
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा निस्तारण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि निस्तारण की सटीक प्रक्रिया अपनाई जाए और उससे खाद बनाकर किसानों को लाभ पहुंचाया जाए। उन्होंने हर घर में शौचालय निर्माण की समीक्षा करते हुए ग्राम सेवकों को सर्वेक्षण के निर्देश दिए। साथ ही सामुदायिक शौचालयों की उपयोगिता और रख-रखाव पर भी जोर दिया।
सड़क और आधारभूत ढांचे पर निर्देश
जिले में सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कोई भी गांव सड़क सुविधा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि किसी योजना की सफलता तभी मानी जाएगी जब वह समस्या का पूर्ण समाधान प्रस्तुत करे।
प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में अब तक लाभान्वित परिवारों की जानकारी दी गई। इस पर राज्यपाल ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के पात्र लाभार्थियों को प्राथमिकता से आवास का लाभ देने के निर्देश दिए।