कितना हुआ नुकसान?
ईडी के कार्यालय में लगी आग से फिजिकल और डिजिटल दोनों तरह के रिकॉर्ड प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अधिकांश दस्तावेज़ डिजिटल रूप में थे, इसलिए एजेंसी के लिए उन्हें पुनः प्राप्त करना संभव हो सकता है। हालांकि, इस घटना का असर चल रही जांचों पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है, खासकर उन मामलों में जिनमें गवाहों से पूछताछ की जानी थी।
आग बुझाने में कठिनाई
फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के अनुसार, आग सुबह करीब 2:30 बजे लगी। उस समय इमारत में केवल कैंटीन स्टाफ और सुरक्षा कर्मी मौजूद थे, और किसी को भी चोट नहीं आई। आग ने पहले केवल कार्यालय के लकड़ी के फर्नीचर और अन्य कार्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया। लेकिन इस फर्नीचर के कारण आग को बुझाने में फायर ब्रिगेड कर्मियों को बहुत कठिनाई हुई, क्योंकि कई रास्तों पर फर्नीचर रखा गया था।
आग को शुरू में "लेवल-1" (कम गंभीर) घोषित किया गया था, लेकिन सुबह 4:20 बजे तक यह "लेवल-3" (गंभीर) तक पहुंच गई, क्योंकि फायर ब्रिगेड कर्मी आग के स्रोत का पता नहीं लगा पा रहे थे। एक अधिकारी ने बताया, "हमें भारी धुएं और गर्मी के कारण परिसर में प्रवेश नहीं कर पा रहे थे। इसके अलावा, यह इमारत पुरानी थी, जिसमें केवल एक सीढ़ी थी, जिससे बचाव कार्य में भी मुश्किलें आईं।"
आग को आखिरकार दोपहर तक बुझा लिया गया, लेकिन इस घटना ने जांच एजेंसी के लिए कई चिंताएं पैदा कर दी हैं, खासकर उन मामलों में जिनके दस्तावेज़ पहले ही आग से प्रभावित हो चुके थे।
क्या होगा अगला कदम?
अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस घटना का ईडी द्वारा चलाए जा रहे उच्च-प्रोफाइल मामलों की जांच पर क्या असर पड़ेगा। एजेंसी का कहना है कि डिजिटल दस्तावेजों को पुनः प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन फिजिकल रिकॉर्ड को फिर से बनाने में समय लग सकता है। इस मामले की जांच के लिए संबंधित विभागों द्वारा उचित कदम उठाए जाएंगे।
फिलहाल, अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।