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Tuesday, October 14, 2025

24JT News Desk / Udaipur /September 12, 2025

राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा नवाचार के रूप में शुरू किए गए 1962-एमवीयू राजस्थान चैटबॉट को देशभर में जबरदस्त सराहना मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल और पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत के निर्देशन में शुरू की गई यह डिजिटल सेवा अब राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल बनती जा रही है।

"1962-एमवीयू राजस्थान चैटबॉट को मिली राष्ट्रीय सराहना, केंद्रीय राज्यमंत्री ने ली टेली-कंसल्टेंसी" | Photo Source : DIPR
राजस्थान / 1962-एमवीयू राजस्थान चैटबॉट को मिली राष्ट्रीय सराहना, केंद्रीय राज्यमंत्री ने ली टेली-कंसल्टेंसी

केंद्रीय राज्य मंत्री ने की चैटबॉट से टेली-कंसल्टेंसी


देश में पहली बार पशुपालन सेवा में तकनीकी नवाचार के रूप में शुरू की गई इस सेवा को 08 सितंबर 2025 को उस समय विशेष मान्यता मिली जब केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री एसपी सिंह बघेल ने स्वयं वीडियो कॉल के माध्यम से चैटबॉट से जुड़कर टेली-कंसल्टेंसी सेवा ली।
राज्यमंत्री श्री बघेल ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों में लागू करने योग्य मॉडल बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शर्मा और मंत्री श्री कुमावत की दूरदर्शिता को सराहा और कहा कि इस तरह के नवाचार से पशुपालकों को तकनीक के माध्यम से त्वरित और प्रभावी सेवाएं मिल रही हैं।

महाराष्ट्र सरकार भी अपनाएगी यह मॉडल


राजस्थान के इस अभिनव मॉडल को महाराष्ट्र सरकार ने भी सराहा है। 4 सितंबर 2025 को महाराष्ट्र सरकार के कृषि, पशुपालन, डेयरी डवलपमेंट एवं मत्स्य विभाग के उप सचिव एम.बी. माराले ने आदेश जारी कर राज्य में भी इसी तर्ज पर 1962 महापशुधन संजीवनी एप के माध्यम से व्हाट्सएप चैटबॉट सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

क्या है '1962-एमवीयू राजस्थान' व्हाट्सएप चैटबॉट?


पशुपालन मंत्री श्री कुमावत ने बताया कि यह सेवा पशुपालकों को घर बैठे मोबाइल पर पशु चिकित्सकीय परामर्श लेने की सुविधा देती है।
इसका व्हाट्सएप नंबर 9063475027 है, जिस पर किसान और पशुपालक

_पशु की बीमारी संबंधी परामर्श

_विभागीय योजनाओं की जानकारी

_नजदीकी संस्थानों की सूची और लोकेशन (गूगल मैप लिंक सहित)

_वीडियो कॉल के माध्यम से विशेषज्ञ से परामर्श

_प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त करने जैसी सुविधाएं पा सकते हैं।

अब तक 48 हजार से अधिक पशुपालक हुए लाभान्वित

सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सप्ताह के सभी दिन संचालित इस सेवा से अब तक 48,000 से अधिक पशुपालक लाभ ले चुके हैं।
वहीं, 8,600 से ज्यादा पशुपालकों ने वीडियो टेली-कंसल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सीय राय प्राप्त की है।

इस चैटबॉट को BFIL, इंडसइंड बैंक और राजस्थान पशुपालन विभाग के साझा प्रयासों से विकसित किया गया है।

राजस्थान का यह नवाचार अब राष्ट्रीय मॉडल बनने की ओर अग्रसर है, जो न केवल तकनीक और सेवा का संगम है, बल्कि पशुपालकों के जीवन में भी बदलाव ला रहा है।

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