मुख्यमंत्री ने कहा, “महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए राजसी वैभव का त्याग कर जंगलों की कठिनाइयों को अपनाया, लेकिन जीवनभर स्वाभिमान और स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया। उनका जीवन हमें सत्य, धर्म और राष्ट्रहित के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है।”
राणा प्रताप आज़ादी के अपराजित काल विधायक
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने पंडित नरेंद्र मिश्र द्वारा रचित पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, “राणा प्रताप इस भरत भूमि, मुक्ति मंत्र के गायक हैं... राणा प्रताप आजादी के अपराजित काल विधायक हैं।” उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की वीरता को न केवल भारत बल्कि विश्व के इतिहासकारों ने सराहा है। कर्नल जेम्स टॉड ने हल्दीघाटी के युद्ध की तुलना थर्मोपल्ली से और दिवेर के युद्ध को मेवाड़ का मैराथन कहा।
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट और खेल विश्वविद्यालय की घोषणा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े स्थलों — चावंड, हल्दीघाटी, गोगुंदा, कुंभलगढ़, दिवेर और उदयपुर — को जोड़ते हुए 'महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट' विकसित कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश में महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ किया जाएगा, जिससे कोच व खेल विशेषज्ञ तैयार किए जा सकें।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बना विश्व शक्ति
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप की संप्रभुता की भावना को आत्मसात कर भारत ने आज विश्व में एक मजबूत राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि “हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने वालों को मिट्टी में मिला दिया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के बाद अपनी पहली जनसभा महाराणा प्रताप की धरती राजस्थान से की, जो उनके प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
वीरता की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप फाउंडेशन द्वारा उनके जीवन मूल्यों और प्रेरणादायी इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह कार्य नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर विधायक श्री महेन्द्रपाल मीना, श्री महावीर सिंह सरवड़ी, श्री राम सिंह चंदलाई, श्री सुदर्शन सिंह, श्री प्रेम सिंह बनवासा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक एवं आमजन उपस्थित रहे।