मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, मीरवाइज उमर फारूक और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं ने रविवार (27 अप्रैल) को एकजुट होकर इन विध्वंस कार्रवाइयों के खिलाफ आवाज बुलंद की और केंद्र सरकार से अपील की कि आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएं, लेकिन निर्दोष कश्मीरियों को अलग-थलग करने से बचें।
उमर अब्दुल्ला: "दोषियों को दंडित करें, बेगुनाहों को न सताएं"
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
"कश्मीर के लोग आतंकवाद और निर्दोष नागरिकों की हत्या के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। अब समय है कि इस समर्थन को और गहरा किया जाए। दोषियों को सख्त सजा दें, लेकिन निर्दोष लोगों को नुकसान न पहुंचाएं।"
उन्होंने विध्वंस के कारण बेघर हुए परिवारों की तस्वीरों को भी साझा किया, जो घाटी में उत्पन्न मानवीय संकट की ओर संकेत करते हैं।
मीरवाइज उमर फारूक: "निर्दोषों को दंडित करना न्याय के विपरीत"
हुर्रियत नेता और प्रमुख धार्मिक गुरु मीरवाइज उमर फारूक ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा,
"अंधाधुंध गिरफ्तारियां और घरों को तोड़ने के वीडियो परेशान करने वाले हैं। पीड़ितों के लिए न्याय दिलाने की कोशिश में निर्दोष कश्मीरियों को दंडित न किया जाए।"
महबूबा मुफ्ती: "सावधानीपूर्वक करें कार्रवाई"
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि
"आतंकियों और नागरिकों के बीच अंतर करना बेहद जरूरी है। निर्दोषों के खिलाफ कार्रवाई उन्हें अलग-थलग कर देगी और आतंकियों के मंसूबों को बल देगी।"
उन्होंने दावा किया कि हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई आम कश्मीरियों के घर भी ध्वस्त कर दिए गए हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई पर कानूनी सवाल:
सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद बिना नोटिस दिए मकानों को गिराए जाने की घटनाओं ने संवैधानिक अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि आश्रय का अधिकार भारतीय संविधान के तहत मौलिक अधिकार है और विध्वंस से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
जांच एजेंसियों की सक्रियता
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले के सिलसिले में अब तक लगभग 175 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इस जघन्य हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, और एक दर्जन से अधिक घायल हुए थे।
अब यह जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले ली है।
सीमा पर बढ़ा तनाव:
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, शनिवार रात पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी कश्मीर के उरी और कुपवाड़ा सेक्टरों में नियंत्रण रेखा (LoC) पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की। यह गोलीबारी बिना किसी उकसावे के हुई बताई जा रही है, जिससे सीमा पर तनाव और बढ़ गया है।