पहले दिन का कार्यक्रम:
अमित शाह ने अपने दौरे की शुरुआत पटना से की, जहां उन्होंने विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। समाचार एजेंसी एएनआई और पीटीआई के अनुसार, शाह ने 823 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसमें सड़क, बिजली, और ग्रामीण विकास से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके बाद उन्होंने पटना में एनडीए नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य सहयोगी दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई।
गोपालगंज में चुनावी शंखनाद:
दौरे के दूसरे दिन, यानी 31 मार्च को अमित शाह गोपालगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। गोपालगंज को लालू प्रसाद यादव का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, और शाह का यहाँ रैली करना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की आक्रामक चुनावी रणनीति का हिस्सा है। द हिंदू और न्यूज़18 की रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाह ने अपनी रैली में लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के शासनकाल को 'जंगल राज' करार देते हुए जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "लालू और राबड़ी के राज में बिहार में अपहरण, हत्या और डकैती एक उद्योग बन गया था। अब जनता को फैसला करना है कि उन्हें जंगल राज चाहिए या मोदी-नीतीश की जोड़ी वाला विकास।"
विकास का वादा और लालू पर निशाना:
शाह ने अपने संबोधन में केंद्र और राज्य की एनडीए सरकारों के कामकाज की तारीफ की। उन्होंने कहा, "हमने मक्का प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया और 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से इसे पुनर्जनन किया। बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू करने के लिए भी पूरा प्रयास कर रहे हैं।" इसके साथ ही उन्होंने लालू पर निजी हमला करते हुए कहा, "जिन्होंने गाय का चारा खा लिया, वे बिहार के लोगों का भला नहीं सोच सकते। लालू ने सिर्फ अपने परिवार के लिए काम किया- पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया, बेटी को राज्यसभा भेजा और अब बेटों को सीएम बनाने की तैयारी में हैं।"
बिहार के लिए बड़ी घोषणाएं:
शाह ने अपने भाषण में बिहार को बाढ़ मुक्त बनाने का वादा भी दोहराया। उन्होंने कहा, "अगले पांच साल में हम बिहार को बाढ़ से मुक्त बनाएंगे।" इसके अलावा, उन्होंने सीता मंदिर के निर्माण की बात कही, जो अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर बिहार में बनाया जाएगा। न्यूज़केरला की रिपोर्ट के अनुसार, शाह ने केंद्र सरकार द्वारा बिहार के लिए 9 लाख करोड़ रुपये के निवेश और 13 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की भी जानकारी दी।
चुनावी माहौल गरमाया:
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। शाह का यह दौरा और उनकी घोषणाएं एनडीए के लिए जनता का समर्थन जुटाने की कोशिश का हिस्सा हैं। दूसरी ओर, आरजेडी और विपक्षी महागठबंधन ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है। लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने पहले ही शाह के दौरे पर सवाल उठाए थे, लेकिन बीजेपी इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बताकर जवाब दे रही है।