राज्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर अलवरवासियों को ‘सरिस्का दिवस’ की शुभकामनाएं देते हुए कहा,
“सरिस्का टाइगर रिजर्व सिर्फ अलवर ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान की पहचान है। सरकार इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। ST-2 ने सरिस्का में बाघों की पुनर्स्थापना में अहम भूमिका निभाई है।”
उन्होंने बताया कि यह देश का पहला टाइगर मेमोरियल है, जो वन विभाग द्वारा एक बाघिन को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है। इस प्रतिमा के साथ मौजूद शावकों की आकृति राजमाता की स्मृति को चिरस्थायी बनाएगी, और यहां आने वाले पर्यटक उनके योगदान से परिचित हो सकेंगे।
राज्य सरकार का हराभरा संकल्प
श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मजबूत और सकारात्मक कदम उठा रही है।
उन्होंने बताया कि
“आज प्रकृति असंतुलन की स्थिति में है, क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस असंतुलन को संतुलित करने में जुटी हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला को फिर से हराभरा बनाया जा रहा है, जिससे यहां की नदियों का पुनर्जीवन संभव हो सकेगा।
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान का जिक्र
राज्यमंत्री ने बताया कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत पिछले वर्ष साढ़े सात करोड़ पौधे लगाए गए, और इस वर्ष 10 करोड़ से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस जन आंदोलन की सराहना स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में की थी।
राजमाता ST-2: सरिस्का की पुनरुत्थान गाथा
बाघिन ST-2 को वर्ष 2008 में रणथंभौर टाइगर रिजर्व से लाकर सरिस्का में पुनःस्थापित किया गया था। वह यहां पुनर्वासित होने वाली पहली मादा बाघिन थीं। ST-2 ने न केवल सरिस्का में बाघों को फिर से बसाया, बल्कि शावकों को जन्म देकर बाघों की पूरी वंशावली को पुनर्जीवित किया।
उनका जन्म बाघिन मछली (T-16) और बाघ T-2 की संतान के रूप में 2004 में हुआ था। करीब 19 साल 8 महीने तक जीवित रहकर वे देश की सबसे उम्रदराज बाघिनों में शुमार हुईं। उनके वंशजों की संख्या आज 34 तक पहुंच चुकी है, जो वन्यजीव संरक्षण की बड़ी सफलता को दर्शाता है।
सम्मान व सौगातें
इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले वनकर्मियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड द्वारा प्रदान किया गया एक वाहन सरिस्का के सीसीएफ को सौंपा गया, जो पेट्रोलिंग और अभयारण्य निगरानी में काम आएगा।
राज्यमंत्री ने स्मारक स्थल पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
स्थानीय मुद्दे भी उठे
इस मौके पर थानागाजी विधायक श्री कांती प्रसाद मीणा ने सरिस्का क्षेत्र के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समस्याओं को भी मंच पर उठाया। वहीं, अतिरिक्त वन्यजीव प्रतिपालक श्री राजेश गुप्ता ने वर्ष 2008 में सरिस्का में बाघों की पुनर्स्थापना प्रक्रिया की यादें साझा कीं।