मुख्यमंत्री ने कहा कि "भामाशाह, शिक्षाविद् और प्रेरक—यह त्रिवेणी राजस्थान को शैक्षिक रूप से सशक्त बना रही है।" उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप को अपना सर्वस्व समर्पित करने वाले भामाशाह की भावना आज भी समाज में जीवित है, और आज के भामाशाह उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़े कदम: स्मार्ट क्लास से लेकर बालिका सशक्तिकरण तक
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक 13,000 से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम्स शुरू किए हैं, वहीं 14,000 ICT लैब्स की स्थापना से डिजिटल शिक्षा को गति दी गई है। इसके अलावा 402 पीएम श्री स्कूलों में पूर्व-प्राथमिक कक्षाएं और स्वामी विवेकानंद विद्यालयों में पहली बार प्राथमिक कक्षाएं शुरू की गई हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार ने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 2.27 लाख बालिकाओं को 90 करोड़ रुपये से अधिक की डीबीटी सहायता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि बेटियों के सपनों को पंख देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
"डेढ़ साल में ज़्यादा काम, कम वादे—ज़्यादा परिणाम"
श्री शर्मा ने दावा किया कि वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में डेढ़ साल में कहीं अधिक काम कर दिखाया है। उदाहरण के तौर पर:
10.5 लाख साइकिलों का वितरण, जबकि पिछली सरकार ने 5 वर्षों में मात्र 10.36 लाख साइकिलें दी थीं।
88,000 से अधिक छात्रों को टैबलेट/लैपटॉप का लाभ मिला।
30,000 छात्राओं को स्कूटी, जबकि पूर्व सरकार ने सिर्फ 6,400 स्कूटी 18 महीनों में दी थी।
दानधर्म और शिक्षा: आदर्श सामाजिक समर्पण
मुख्यमंत्री ने कहा कि "भामाशाह सिर्फ भवन नहीं बना रहे, वे भविष्य गढ़ रहे हैं।" उन्होंने बताया कि 1 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान देने वाले 35 भामाशाहों को "शिक्षा विभूषण" सम्मान, और 30 लाख से 1 करोड़ तक के सहयोग देने वाले 100 भामाशाहों को "शिक्षा भूषण" सम्मान प्रदान किया गया।
15 प्रवासी राजस्थानी भामाशाहों, जिन्होंने मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में सम्मेलन आयोजित किए, उन्हें भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सरकारी प्रयासों की झलक
मुख्यमंत्री ने शिविरा ई-बुलेटिन और भामाशाह प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन किया। इसके अलावा, उन्होंने RTE के तहत कक्षा 1-8 तक के छात्रों के लिए ₹1,000 करोड़ की DBT राशि का वितरण भी बटन दबाकर किया।
उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने की सराहना
डॉ. प्रेमचंद बैरवा (उप मुख्यमंत्री): “आज के भामाशाह आधुनिक भारत के आदर्श दाता हैं।”
श्री मदन दिलावर (स्कूल शिक्षा मंत्री): “परीक्षा परिणामों में 6% की बढ़त और लैपटॉप, टैबलेट, साइकिल वितरण जैसी योजनाएं सरकार की शिक्षा में प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।”
समारोह में शामिल प्रमुख हस्तियां:
इस भव्य आयोजन में जिला प्रमुख श्रीमती रमा चोपड़ा, स्कूल शिक्षा सचिव श्री कृष्ण कुणाल, राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती अनुपमा जोरवाल, श्री सीताराम जाट, श्री विश्व मोहन शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति और सैकड़ों सम्मानित भामाशाह शामिल रहे।