अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर प्रदेश के 11 हजार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर योग संगम शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी घनी बस्तियों तक के लोग एक साथ योग करेंगे। ये शिविर निःशुल्क होंगे और सभी के लिए सुलभ होंगे।
12 चिकित्सा सुविधाएं, करोड़ों लाभार्थी
प्रदेश की प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में 11,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से योग और वैलनेस सहित 12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को मिल रही हैं। अब तक 42 लाख 59 हजार से अधिक योग सत्रों का सफल आयोजन हो चुका है, जिनसे 5 करोड़ 28 लाख से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं।
योग: अब हर गांव की बात
चिकित्सा विभाग ने निरामय राजस्थान अभियान में भी योग को प्रमुख स्थान दिया है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया गया है, जहां योगाभ्यास पूरी तरह निःशुल्क करवाया जा रहा है। प्रत्येक केन्द्र पर प्रति माह कम से कम 10 योग सत्र आयोजित करने का प्रावधान है, जिसे प्रशिक्षित योग शिक्षक संचालित करते हैं। योग सत्र आयोजित करने वाले प्रशिक्षकों को विभाग द्वारा निश्चित पारिश्रमिक भी दिया जा रहा है।
ब्लॉक स्तर पर बनी मॉनिटरिंग कमेटियां
जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश शर्मा के अनुसार, योग सत्रों की बेहतर योजना और निगरानी के लिए ब्लॉक स्तर पर समितियां बनाई गई हैं। इसमें उपखंड अधिकारी, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी एवं जिला आयुर्वेद अधिकारी द्वारा नियुक्त आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। प्रत्येक सत्र की रिपोर्टिंग ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर पोर्टल’ पर अनिवार्य रूप से की जा रही है।
योग को जन-जन का अभियान बनाने का प्रयास
चिकित्सा विभाग का प्रयास है कि स्वास्थ्यकर्मी फील्ड में अधिकाधिक लोगों को जागरूक करें और उन्हें इन योग सत्रों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
21 जून को प्रदेश बनेगा योगमय
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जब 11 हजार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में एक साथ योग होगा, तो राजस्थान न सिर्फ देश बल्कि पूरे विश्व को एक संदेश देगा – स्वस्थ शरीर, सशक्त समाज।