श्री रविकान्त ने बताया कि शीघ्र ही दो नए सीएनजी स्टेशन भी शुरू किए जाएंगे, जिससे प्रदेश में स्वच्छ और सुलभ ईंधन की सुविधा और व्यापक होगी। फिलहाल कोटा, कूकस, नीमराना सहित राज्य में कुल 18 सीएनजी स्टेशन संचालित हैं, जो 24x7 सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
2024-25 के अंकेक्षित लेखों को बोर्ड ने दी मंज़ूरी
शुक्रवार को आरएसजीएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता श्री टी. रविकान्त ने की। बैठक में कंपनी के 2024-25 के अंकेक्षित लेखों को अनुमोदन दिया गया।
उन्होंने बताया कि ग्रीन एनर्जी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अब तक 54 हजार से अधिक परिवारों के लिए डीपीएनजी (घरेलू पीएनजी) कनेक्शन हेतु आधारभूत ढांचा तैयार कर लिया गया है। कोटा में 300 किमी एमडीपीई पाइपलाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है, जिसमें से 21 किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है।
नीमराना में LNG स्टेशन की शुरुआत
आरएसजीएल के प्रबंध निदेशक श्री रणवीर सिंह ने बताया कि कंपनी ने नीमराना में एलएनजी प्लांट के भूमि पूजन के साथ कार्य आरंभ कर दिया है। यह प्लांट लंबी दूरी के वाणिज्यिक वाहनों को एलएनजी ईंधन की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे पारंपरिक डीजल पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण भी घटेगा।
घरेलू गैस सुविधा में दो गुना वृद्धि का लक्ष्य
श्री सिंह ने कहा कि इस वर्ष घरेलू पाइपलाइन गैस सेवा (डीपीएनजी) का दायरा दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही औद्योगिक और व्यावसायिक इकाइयों को पीएनजी से जोड़ने तथा अधिक क्षेत्रों में सीएनजी स्टेशन स्थापित करने की दिशा में प्रयास तेज़ किए जाएंगे।
राज्य में ऊर्जा के हरित विकल्पों की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो भविष्य की स्वच्छ और आत्मनिर्भर ऊर्जा व्यवस्था की नींव रखेगा।