ड्रोन से होगी निगरानी, संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा:
DGP प्रशांत कुमार ने अलविदा की नमाज़ के दौरान सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को तुरंत रोका जा सके। संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में पिकेट स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की जाएगी, ताकि स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा जा सके।
कोई नई परंपरा शुरू न होने दी जाए:
DGP ने साफ तौर पर कहा है कि अलविदा की नमाज़ और ईद के दौरान किसी भी तरह की नई परंपरा को शुरू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे धर्मगुरुओं से संवाद करें और शांति व्यवस्था बनाए रखने में उनकी मदद लें। प्रशांत कुमार ने कहा, “धर्मगुरुओं से बातचीत कर यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी समुदाय शांति और सद्भाव के साथ त्योहार मनाएं। किसी भी तरह की नई परंपरा को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।”
भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नियमित चेकिंग:
DGP ने भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नियमित चेकिंग के भी आदेश दिए हैं। बाजारों, मस्जिदों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी। प्रशांत कुमार ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक होने पर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर:
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी DGP ने कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों और भड़काऊ सामग्री साझा करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। इसके लिए साइबर सेल को सक्रिय कर दिया गया है, जो लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की मॉनिटरिंग करेगी। DGP ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी व्यक्ति या समूह शांति भंग करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पहले से ही तैयारी के संकेत:
यह पहली बार नहीं है जब DGP प्रशांत कुमार ने त्योहारों के दौरान सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। इससे पहले 22 मार्च 2025 को भी उन्होंने ईद और रामनवमी के मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। उस समय भी ड्रोन से निगरानी, शरारती तत्वों पर नजर और धर्मगुरुओं से संवाद करने की बात कही गई थी। इस बार अलविदा की नमाज़ को लेकर उनकी तैयारियां और सख्त दिखाई दे रही हैं।
जनता से सहयोग की अपील:
DGP ने जनता से भी अपील की है कि वे पुलिस प्रशासन का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा कि शांति और सद्भाव बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी समुदायों को मिलकर काम करना होगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल:
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस मामले में सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि इस तरह के सख्त निर्देशों से एक खास समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा, “त्योहारों के दौरान सुरक्षा जरूरी है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि किसी समुदाय को परेशान न किया जाए। सरकार को संतुलित रवैया अपनाना चाहिए।” वहीं, पुलिस प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कदम सभी की सुरक्षा के लिए उठाए गए हैं और इसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है।
निष्कर्ष:
लखनऊ में अलविदा की नमाज़ और ईद के मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। ड्रोन से निगरानी, सोशल मीडिया पर नजर, और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती से पुलिस प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। DGP प्रशांत कुमार के सख्त निर्देशों के बाद अब यह देखना होगा कि क्या इन त्योहारों के दौरान शांति और सद्भाव बना रहता है।
(नोट: यह खबर विभिन्न स्रोतों और हालिया जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। स्थिति के अनुसार इसमें बदलाव संभव है।