मंत्री खराड़ी ने अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड में जाकर कार्यों का प्रत्यक्ष अवलोकन करें और अभियान की हर गतिविधि में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जनमानस को सरल और प्रभावी ढंग से दी जाए, जिससे वे लाभ उठाने में सक्षम हों।
बैठक के दौरान वंदे गंगा अभियान से जुड़े पम्फलेट का विमोचन किया गया और उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने जल संरक्षण का संकल्प लिया।
राज्य सरकार की जनजातीय कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता
श्री खराड़ी ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और राजीविका समूह की महिलाओं को अभियान में सक्रिय भूमिका दी जाए।
उन्होंने शिक्षा विभाग से आग्रह किया कि बच्चों को पर्यावरण, जल संरक्षण और पौधारोपण के प्रति जागरूक करें ताकि वे भविष्य में प्रकृति की रक्षा के दूत बन सकें।
पशुपालन विभाग को मंगला पशु बीमा योजना का अधिक से अधिक लाभ पात्र पशुपालकों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए।
पारंपरिक जल संरक्षण विधियों के पुनरुद्धार पर ज़ोर
मंत्री खराड़ी ने अधिकारियों को भूजल संरक्षण हेतु पारंपरिक पद्धतियों के पुनरुद्धार और जल संवर्धन में सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी की भूमिका अहम है और यह ज़मीनी स्तर पर नज़र आनी चाहिए।
श्री खराड़ी ने अंत में कहा कि योजनाओं के समुचित प्रचार-प्रसार के साथ-साथ वंदे गंगा अभियान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के जनजातीय क्षेत्र के विकास के सपने को साकार करेगा।