मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संवेदनशील मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार पशुओं के कल्याण के लिए समर्पित होकर निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि लंपी रोग एक संक्रामक और जानलेवा बीमारी है, जो मुख्यतः गोवंश को प्रभावित करती है और पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाती है।
श्री कुमावत ने कहा कि प्रदेश ने दो वर्ष पूर्व इस रोग से बड़ा नुकसान झेला है, जिसके कारण सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। टीकाकरण और जागरूकता अभियान इसके दो मुख्य स्तंभ हैं। टीकाकरण के बिना इस रोग से लड़ना संभव नहीं है, इसलिए इस बार मानसून से पहले ही अभियान शुरू किया जा रहा है ताकि हर्ड इम्युनिटी समय से प्राप्त हो सके।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 95 प्रतिशत गौवंश का सफल टीकाकरण किया गया था, जिससे रोग पर नियंत्रण पाया गया और पशु हानि न्यूनतम रही। इस बार भी विभाग ने जिले व ब्लॉक स्तर पर माइक्रोलेवल योजना बनाकर टीकाकरण को सुचारू रूप से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत मंत्री ने गौवंश की पूजा-अर्चना और उनका चारा खिलाकर की। इसके बाद उन्होंने टीकाकरण दल को टीके का कैरियर भी भेंट किया। मौके पर विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा, आरएलडीबी के कार्यकारी अधिकारी, पिंजरापोल गौशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, मंत्री श्री विवेक लड्ढा, अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुरेश मीना, डॉ. विकास शर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह अभियान पशुपालन विभाग की तैयारियों और जागरूकता प्रयासों के साथ प्रदेश में लंपी रोग के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।