महंत साध्वी शालिनीनंद जी महाराज का गहरा संदेश - "स्वयं को जानो, समय रहते संभल जाओ"
महंत साध्वी शालिनीनंद जी महाराज ने हाल ही में अपने एक प्रवचन में मानव जीवन की गहन सच्चाइयों और आत्मिक जागृति पर विचार-प्रवर्तक संदेश दिया। उनके प्रवचन का मुख्य विषय था - "मैं कौन हूँ? मैं कौन था और मैं कौन रहूँगा?" यह सवाल न केवल मानव जीवन की पहेली को उजागर करता है, बल्कि प्राणीमात्र को आत्म-चिंतन और सत्कर्म की ओर प्रेरित करता है। साध्वी जी ने अपने प्रवचन में मानव जीवन की नश्वरता, अहंकार, कर्मफल, और ईश्वर प्राप्ति के मार्ग पर गहन प्रकाश डाला, जो आज के भौतिकवादी युग में हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है।