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Friday, July 4, 2025

पॉलिटिक्स

तेलंगाना जाति सर्वे: सामाजिक न्याय की राह में सबक और चुनौतियाँ

तेलंगाना में हाल ही में संपन्न जाति सर्वेक्षण ने सामाजिक न्याय और नीति निर्माण की दिशा में एक नया अध्याय खोला है, लेकिन इसके साथ ही कई विवाद और चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। यह सर्वेक्षण, जो कांग्रेस शासित तेलंगाना में पहला व्यापक जाति सर्वे था, न केवल राज्य के लिए बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक मिसाल बन सकता है। हालाँकि, इसके निष्कर्षों और प्रक्रिया पर विपक्षी दलों की आलोचनाओं ने कई सवाल खड़े किए हैं। केंद्र सरकार के हालिया निर्णय, जिसमें आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने की घोषणा की गई है, के आलोक में तेलंगाना सर्वेक्षण के सबक और चुनौतियाँ और भी प्रासंगिक हो गए हैं।

जाति जनगणना पर विपक्ष की जीत का दावा, सरकार के फैसले को बताया राजनीतिक और सामाजिक दबाव का नतीजा

केंद्र सरकार द्वारा देशव्यापी जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद राष्ट्रीय राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे “लंबे संघर्ष की जीत” बताते हुए सरकार से जनगणना की समयसीमा तय करने की मांग की है, जबकि सरकार के सहयोगियों ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया है।

बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार का बड़ा कदम: दशकीय जनगणना में शामिल होगी जाति आधारित गणना, लेकिन समयसीमा तय नहीं

बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले केंद्र सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि आगामी दशकीय जनगणना में जाति आधारित गणना भी शामिल की जाएगी। यह फैसला राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने इसी मांग को समाज को विभाजित करने वाला कदम बताकर ठुकरा दिया था।

कॉमनवेल्थ घोटाले में ईडी की क्लोज़र रिपोर्ट पर सियासी घमासान: कांग्रेस ने मोदी और केजरीवाल से माफ़ी की मांग की

दिल्ली की एक अदालत ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से माफ़ी की मांग की है, आरोप लगाते हुए कि इन नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को झूठे आरोपों के आधार पर बदनाम किया।

पहलगाम आतंकी हमला: सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार ने मानी सुरक्षा चूक, विपक्ष ने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति और नफरत फैलाने वाले अभियानों पर उठाए सवाल

20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई। इस घटना ने घाटी में हाल ही में लौटते सामान्य हालात और पर्यटन गतिविधियों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। घटना के बाद 24 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें प्रमुख विपक्षी दलों सहित कई दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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